बलौदाबाजार:
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में ग्राम गुमा के 15 आदिवासी किसानों का परिवार जमीन के उचित मूल्य दिलवाने की मांग को लेकर अपनी जमीन पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पीड़ित किसानों का कहना है कि अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी द्वारा सरफेस राईट एक्ट के तहत जमीन नहीं खरीदी जा रही। हमने एसडीएम से लेकर मुख्य सचिव तक आवेदन दिया है पर सुनवाई नहीं हो रही है, जिससे परेशान होकर हमलोग धरना दे रहे हैं। जब तक शासन हमारी मांगों को पुरा नहीं करेगा हम यहां से नहीं हटेंगे।
प्रशासनिक लापरवाही की वजह से ग्राम गुमा के आदिवासी किसान विगत दो दिनों से धरने पर बैठ हुए हैं। किसानों से जब मामले की जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उनके साथ प्रशासन के अधिकारी और अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र अन्याय कर रहा है।
विगत तेरह वर्षों से हमलोग परेशान हैं, हमारी जमीन के एक ओर माइंस की खदान है तो दूसरी ओर कंपनी। दोनों के बीच हमारे खेत हैं, जहां हम खेती नहीं कर पा रहे हैं और ना ही हमारी जमीन बिक रही है। इसको लेकर हमलोग अनेकों बार आवेदन दे चुके हैं पर सुनवाई नहीं हो रही है।
एसडीएम तीर्थराज अग्रवाल के समय सरफेस राईट के तहत 34लआख रु प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा पत्रक तैयार हुआ था, जिसे बाद में कैंसिल कर दिया गया। तब से हमलोग परेशान हैं। कलेक्टर से लेकर सचिव तक आवेदन दे चूके हैं पर सुनवाई नहीं हो रही है. वहीं कंपनी के अधिकारी हठधर्मिता दिखाते हुए बगैर मुआवजा के हमारी जमीन का उपयोग कर रहे हैं।
किसानों ने आगे कहा कि हमारी जमीन के एक ओर माइंस है जहां, विस्फोट होते रहते हैं और हम लोग जान हथेली में रख खेती करने का प्रयास करते हैं पर खेती भी नहीं हो पा रही है। बाजु में माइंस होने के कारण पानी सुख जाता है। कलेक्टर के यहां जाओ तो सुनवाई नहीं होती है। कारण कानून का ज्ञान न होना है, इसलिए हमलोग हमारे ही पहचान के प्रभाकर मिश्रा को मुख्तार बनाये हैं, जो हमारे हक के लिये लड़ रहा है।
कंपनी के लोग बलपूर्वक हमारे ही साथी के जमीन में शौचालय बना दिये हैं, जिससे वह खेती नहीं कर पा रहे हैं। इन सब समस्यायों को लेकर हमलोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि प्रशासन हमारी सुने। इस संबंध में आदिवासी किसान मुख्तियार प्रभाकर मिश्रा ने बताया कि आदिवासी किसानों की मांग जायज है।
कंपनी सलफेट राइट एक्ट के तहत आवेदन नहीं दे रही है, जो उचित नही है जिसके कारण इन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है। कलेक्टर भी आदिवासी किसानों का मजाक उड़ा रहे हैं, इसी बात को लेकर आदिवासी किसान अपनी जमीन पर धरने पर बैठे हैं। इस संबंध में अपर कलेक्टर राजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि जानकारी मिली है सोमवार को उन्हें बुलाया गया है, जिसके बाद मामले का हल निकाल लिया जायेगा।
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