
IND-W vs SA-W Final: इंतजार की घड़ियां अब लगभग खत्म हो चुकी हैं. जिस दिन का पिछले 8 साल से भारतीय महिला क्रिकेट टीम को इंतजार था, वो आ गया है. जिस ट्रॉफी का 52 साल से इंतजार है, वो अब नजरों में है. साढ़े 14 साल के बाद एक बार फिर 2 तारीख भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा-हमेशा के लिए दर्ज होने के करीब है. आठ साल पहले जो हाथ में आकर भी फिसल गया था, उसे लपकने का एक और मौका मिला है. वक्त आ गया है ICC विमेंस वर्ल्ड कप 2025 की ट्रॉफी पर भारत का नाम लिखवाने का. रविवार 2 नवंबर को हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में जब मैदान पर 11 खिलाड़ी उतरेंगी, तो सिर्फ 150 करोड़ भारतीयों की ही नहीं, बल्कि देश से बाहर रह रहे हिंदुस्तानियों की दुआ और दिल भी उनके साथ लगा होगा.
फिर इतिहास का गवाह बनेगा पाटिल स्टेडियम
नवी मुंबई का डीवाई पाटिल स्टेडियम IPL फाइनल से लेकर पहले विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) के फाइनल तक का गवाह बना है. खास तौर पर WPL का फाइनल बहुत खास था, क्योंकि इसने भारतीय महिला क्रिकेट को एक नई दिशा दी. इसी मैदान पर मार्च 2023 में हरमनप्रीत कौर ने ही पहली WPL ट्रॉफी उठाई थी. अब एक बार फिर यही डीवाई पाटिल स्टेडियम भारतीय महिला क्रिकेट में एक और ऐतिहासिक दिन का गवाह बनने जा रहा है और एक बार फिर हरमनप्रीत कौर नीली जर्सी में ट्रॉफी उठाने के इरादे से उतरेंगी.
पाटिल स्टेडियम में रविवार को महिला क्रिकेट के पिछले 25 सालों में सबसे अहम फाइनल खेला जाने वाला है, जिसमें टीम इंडिया का सामना साउथ अफ्रीका से होगा. दोनों ही टीम पहली बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाने के लिए पूरी जी-जान लगाने के लिए मैदान पर उतरेंगी. टीम इंडिया जहां 2005 और 2017 के फाइनल में मिली हार की हताशा को तीसरे फाइनल में खुशी में बदलना चाहेगी, वहीं पहली बार फाइनल खेल रही साउथ अफ्रीका पिछले 2-3 सालों की निराशा को दूर कर वनडे या टी20 में अपने देश के लिए पहला वर्ल्ड कप जीतने के इरादे से उतरेगी. साउथ अफ्रीका के लिए सीनियर क्रिकेट में आज तक कोई भी खिताब नहीं मिला है, फिर चाहे बात महिला क्रिकेट की हो या पुरुष क्रिकेट की.
टीम इंडिया के सामने इतिहास बदलने की चुनौती
कुल मिलाकर दोनों ही देशों में महिला क्रिकेट के लिए 2 नवंबर का दिन क्रांतिकारी बदलाव का गवाह बन सकता है. मगर किसी भी टीम के लिए ये इतना आसान नहीं होने वाला. इस वर्ल्ड कप में दोनों ही टीमों का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा, जहां उन्हें लीग स्टेज में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से शिकस्त मिली. साउथ अफ्रीका इन दोनों के खिलाफ सिर्फ 69 और 98 रन के मामूली स्कोर पर ढेर होकर हारी थी, तो टीम इंडिया भी इन दोनों के खिलाफ जीत दर्ज करने में नाकाम रही थी. संयोग से दोनों ने अपने-अपने सेमीफाइनल में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को ही शिकस्त दी.
मगर साउथ अफ्रीका ने जहां 2 ही मैच गंवाए थे, वहीं टीम इंडिया को 3 में हार मिली थी और ये तीसरी हार ही एक बड़ा फर्क साबित हुई. वो इसलिए क्योंकि टीम इंडिया की ये हार साउथ अफ्रीका के खिलाफ ही आई थी. टीम इंडिया ने उस मैच में 80 रन तक साउथ अफ्रीका के 5 विकेट गिरा दिए थे और इसके बावजूद वो 251 रन का स्कोर डिफेंड नहीं कर सकी थी. मगर साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया का वर्ल्ड कप में प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में ऐसा ही रहा है. पिछले 20 साल में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को वर्ल्ड कप में नहीं हराया था. आखिरी बार 2005 में उसे जीत मिली थी और तब भारत ने फाइनल खेला था.
इन खिलाड़ियों पर रहेगी नजरें
ऐसे में अगर देखें तो इतिहास भारत के खिलाफ है लेकिन टीम इंडिया ने जिस अंदाज में सेमीफाइनल में जगह बनाई और फिर सेमीफाइनल में डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 339 रन का वर्ल्ड रिकॉर्ड चेज किया, उसने हरमनप्रीत कौर और उनके साथियों को आत्मविश्वास और जोश से भरा होगा. सबसे खास बात ये है कि इस मैच से हरमनप्रीत और जेमिमा रॉड्रिग्ज भी फॉर्म में लौटती हुई नजर आईं. यानि पहले से ही फॉर्म में चल रहीं स्मृति मंधाना (389 रन) के साथ अब 2 और बल्लेबाज विस्फोटक साबित हो सकती हैं. वहीं दीप्ति शर्मा, रेणुका सिंह और श्री चरणी बॉलिंग में साउथ अफ्रीका के लिए आफत बन सकती हैं.
साउथ अफ्रीका की बात करें तो उसकी कप्तान लॉरा वुल्वार्ट से बड़ा खतरा टीम इंडिया के लिए शायद ही कोई होगा. टूर्नामेंट में अब तक सबसे ज्यादा 470 रन बना चुकीं वुल्वार्ट का बल्ला अगर सेमीफाइनल की तरह चल गया तो ये भारत के लिए आफत ही लेकर आएगा. वहीं उनके अलावा टीम की स्टार ऑलराउंडर मारिजन काप से भी बचकर रहना होगा, जो पहले ही अपने बल्ले और गेंदबाजी से कमाल दिखा चुकी हैं. सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 42 रन की तेज पारी और 5 विकेट जैसा प्रदर्शन वर्ल्ड कप के बड़े मुकाबलों में कम ही दिखता है.
ऐतिहासिक साबित होगी 2 तारीख!
टीम इंडिया के पास 2 तारीख को फिर से इतिहास में खास बनाने का मौका है. साढ़े 14 साल पहले 2011 में अप्रैल महीने की 2 तारीख ही थी, जब नवी मुंबई से कुछ ही दूर मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप जीता था. तब एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 28 साल का लंबा इंतजार खत्म करते हुए पूरे देश को खुशियों से भर दिया था. अब यही मौका हरमनप्रीत और उनकी टीम के पास है और अगर वो ऐसा करती हैं तो सिर्फ नवी मुंबई ही नहीं, बल्कि पूरे देश में रात भर सड़कों पर जश्न मनेगा.
source https://www.tv9hindi.com/sports/cricket-news/ind-w-vs-sa-w-final-icc-womens-world-cup-2025-preview-stats-india-vs-south-africa-navi-mumbai-3553177.html