
आईपीएल 2025 सीजन में अब लगभग सभी टीमों का सफर पूरी तरह खत्म हो चुका है. रविवार 25 मई को उन दो टीम के सीजन पर पर्दा गिरा, जिन्होंने पिछले सीजन का फाइनल खेला था- कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद. पिछले फाइनल में कोलकाता ने हैदराबाद को हराकर खिताब अपने नाम किया था. इस सीजन में भी दोनों टीम की पिछली टक्कर में कोलकाता ने ही बाजी मारी थी लेकिन आखिरी टक्कर आखिरकार हैदराबाद की झोली में गई. इस जीत में सारी वाहवाही स्वाभाविक रूप से हेनरिक क्लासन और ट्रेविस हेड जैसे विस्फोटक बल्लेबाजों ने लूटी, जिसके वो हकदार थे लेकिन उस अनजान खिलाड़ी ने भी बड़ी भूमिका निभाई, जिसे सीजन के बीच में टीम में लाया गया था और उसने 2 गेंदों में यहां हार तय कर दी.
काव्या मारन ने जताया भरोसा
सनराइजर्स हैदराबाद के लिए ये सीजन बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा. टीम का प्रदर्शन तो कई मौकों पर अच्छा नहीं रहा लेकिन कुछ खिलाड़ियों की चोट ने भी उसे परेशान किया. हालात यहां तक हो गए कि चोटिल खिलाड़ी की जगह जिसे सीजन के बीच में रिप्लेसमेंट के तौर पर शामिल किया गया, वो खिलाड़ी भी चोटिल हो गया. ऐसे वक्त में सनराइजर्स की मालकिन काव्या मारन ने उस खिलाड़ी को खरीदने पर सहमति दी, जिसे मेगा ऑक्शन में किसी ने पूछा भी नहीं था. ये खिलाड़ी हैं स्पिनर हर्ष दुबे, जिन्होंने कुछ हफ्तों पहले ही रणजी ट्रॉफी में एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट का रिकॉर्ड कायम किया था.
विदर्भ के लिए खेलने वाले हर्ष दुबे को सिर्फ 30 लाख रुपये में रिप्लेसमेंट प्लेयर के तौर पर सनराइजर्स ने शामिल किया था. हर्ष दुबे ने सिर्फ 3 मैच खेले और तीनों ही मैच में अपना असर छोड़ा. संयोग से लगातार कई हार के बाद सीजन के अपने आखिरी तीनों ही मैच सनराइजर्स जीती. खासतौर पर कोलकाता के खिलाफ तो हर्ष ने अपना बेस्ट प्रदर्शन किया. वैसे तो 279 रन का लक्ष्य हासिल करना लगभग असंभव ही था और कोलकाता ने अपने टॉप ऑर्डर के विकेट जल्दी गंवा दिए थे लेकिन जब तक रिंकू सिंह और आंद्रे रसेल जैसे बल्लेबाज टीम में हों, मुकाबले का फैसला नहीं माना जा सकता.
सिर्फ 2 गेंदों में KKR का खेल किया खत्म
मगर हर्ष दुबे ने अपने पहले ही ओवर में इन दोनों ही विस्फोटक बल्लेबाजों का खेल खत्म कर दिया, वो भी लगातार गेंदों पर. 8वें ओवर में बॉलिंग के लिए आए बाएं हाथ के स्पिनर हर्ष की शुरुआती 3 गेंदों में सिर्फ 2 रन दिए. फिर चौथी गेंद पर रिंकू सिंह ने छक्का जमा दिया. मगर अगली ही गेंद पर रिंकू का खेल खत्म हो गया. इसके बाद नए बल्लेबाज रसेल थे और सनराइजर्स के लिए खतरा अभी टला नहीं था.
मगर हर्ष के इरादे बुलंद हो चुके थे और उन्होंने रसेल को पहली ही गेंद पर छकाते हुए LBW आउट कर दिया. ये गेंद इतनी खूबसूरत और सटीक थी कि रसेल को अपनी नियति पता चल गई थी. अंपायर के फैसला देने से पहले ही वो खुद पवेलियन की ओर मुड़ गए. इन दो गेंदों ने कोलकाता की हार तय कर दी. हर्ष ने इसके बाद आखिर में एक और विस्फोटक बल्लेबाज रमनदीप सिंह को भी पवेलियन लौटा दिया. इस तरह सिर्फ 20 रन देकर हर्ष ने 3 विकेट लिए.
गलती से बन गए क्रिकेटर
इस प्रदर्शन के दम पर हर्ष ने ओनर काव्या मारन का भरोसा जीता और अगले सीजन के लिए अपना रिटेंशन भी एक तरह से पक्का कर लिया. वैसे हर्ष के क्रिकेटर बनने की कहानी भी मजेदार है. वो गलत रास्ते पर जाने के कारण क्रिकेटर बने थे. गलत रास्ते से मतलब गलत संगत नहीं, बल्कि रास्ता भटकना था. असल में छोटे में एक बार पिता ने उन्हें स्कूल की किताब खरीदने के लिए भेजा लेकिन वो रास्ता भटक गए और खेल के सामान की दुकान पर पहुंच गए. यहां उन्होंने गेंद और बल्ला खरीदा और फिर धीरे-धीरे इस खेल में रम गए. गलती से क्रिकेटर बने इस खिलाड़ी ने पिछले रणजी सीजन में 10 मैच में 69 विकेट लिए, जो एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट का रिकॉर्ड है.
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